Sunday, February 25, 2024
2.42 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये मिलेगी पेंशनः मुख्यमंत्री, इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना का शुभारंभ
काठगढ़ 3 दिवसीय जिला स्तरीय शिवरात्रि महोत्सव 7 से 9 मार्च तक

Friday, February 23, 2024
पीले रतुआ की रोकथाम के लिए किसान करें टिल्ट का स्प्रे
Thursday, February 22, 2024
कंडवाल: एनएचएआई और आईआरबी के कामगारों का जांचा स्वास्थ्य

Wednesday, February 21, 2024
कृषि विभाग द्वारा नूरपुर में किसानों के लिए एक दिवसीय जागरूकता शिविर आयोजित

Monday, February 19, 2024
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में एक्सीलैन्ट हाऊस बना ओवरऑल विजेता
Monday, February 12, 2024
प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए सरकार तैयार कर रही नई खेल नीतिः मुख्यमंत्री

Sunday, February 11, 2024
आगामी बजट में किसान की आय बढ़ाने के लिए आएंगी नई योजनाएं - मुख्यमंत्री

Saturday, February 10, 2024
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा पर बड़ी अपडेट
समाचार हिमाचल (11 फरवरी 2024)
पहली बार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में कांस्टेबलों की भर्ती के लिए कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित होगी
यह परीक्षा देशभर के 128 शहरों में करीब 48 लाख उम्मीदवार के लिए 20 फरवरी से 7 मार्च 2024 तक आयोजित की जाएगी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने 01 जनवरी 2024 से कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का फैसला किया था
यह ऐतिहासिक निर्णय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की पहल पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया है
कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा के प्रश्न पत्र अब हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा असमिया,बंगाली,गुजराती,मराठी,मलयालम,कन्नड़,तमिल,तेलुगु,ओडिया,उर्दू,पंजाबी,मणिपुरी और कोंकणीमें भी तैयार किया जाएगा
कांस्टेबल (जीडी) चयन परीक्षा, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है जो देश भर से लाखों युवाओं को आकर्षित करती है
इस ऐतिहासिक निर्णय से देशभर के लाखों युवा अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में इस परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी
केंद्र सरकार की इस पहल से देशभर के युवाओं को अपनी मातृभाषा में CAPFs कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा में भाग लेने और देश की सेवा में अपना करियर बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने 01 जनवरी 2024 से CAPFs में भर्तीके लिए कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षाहिंदी और अंग्रेजी के अलावा13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का फैसला किया था। यह ऐतिहासिक निर्णय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की पहल पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया है।
कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा के प्रश्न पत्र अब हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा निम्न13 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाएगा
- असमिया
- बंगाली
- गुजराती
- मराठी
- मलयालम
- कन्नड़
- तमिल
- तेलुगु
- ओडिया
- उर्दू
- पंजाबी
- मणिपुरी
- कोंकणी
कांस्टेबल (जीडी) चयन परीक्षा, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है जो देश भर से लाखों युवाओं को आकर्षित करती है।इसलिए, गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग ने हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने की सुविधा के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। तदनुसार, एसएससी ने कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा, 2024 को अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 13क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने के लिए अधिसूचना प्रकाशित की है।
इस ऐतिहासिक निर्णय से देशभर के लाखों युवा अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में इस परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसके, परिणामस्वरूप पूरे देशमें परीक्षार्थियों के बीच इस परीक्षा की पहुंच बढ़ेगी और सभी को रोजगार का समान अवसर भी मिलेगा।
केंद्र सरकार की इस पहल से देशभर के युवाओं को अपनी मातृभाषा में कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलोंमें कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा में भाग लेने और देश की सेवा में अपना करियर बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है।
Wednesday, February 7, 2024
हिमाचल प्रदेश उचित मूल्य की 11 दुकानें पहली बार ओएनडीसी पर सम्मिलित
उचित मूल्य की दुकानें पहली बार, ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर सम्मिलित हुईं
हिमाचल प्रदेश के ऊना और हमीरपुर जिलों की 11 उचित मूल्य की दुकानें ओएनडीसी पर शामिल होने वाली पहली दुकानें हैं जो भविष्य में राज्यव्यापी और देशव्यापी रूप से इस पहल को अपनाने के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगी
इस कदम से उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों के लिए आय सृजन का एक अतिरिक्त अवसर उपलब्ध होगा, जिससे लाभार्थियों की संतुष्टि में वृद्धि होगी: सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग
डिजिटल इंडिया की दिशा में उठाए गए एक कदम के रूप में, भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव, श्री संजीव चोपड़ा ने ओपन नेटवर्क डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) पर हिमाचल प्रदेश के ऊना और हमीरपुर जिलों की उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को ऑन-बोर्ड करने के लिए एक पायलट पहल लॉन्च की है। यह पायलट पहल वर्चुअली हिमाचल प्रदेश की 11 एफपीएस में शुरू की गई जिनमें ऊना की 5 एफपीएस और हमीरपुर जिले की 6 एफपीएस शामिल हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब उचित मूल्य की दुकानें ओएनडीसी पर शामिल हुई हैं।
इस अवसर पर श्री चोपड़ा ने कहा कि यह ऐतिहासिक पहल उचित मूल्य की दुकानों का कायाकल्प करने के बारे में विभाग द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम है। इस प्रयास का उद्देश्य लाभार्थियों की संतुष्टि को बढ़ाने के साथ-साथ एफपीएस डीलरों के लिए आय सृजन के अतिरिक्त अवसर प्रदान करना भी है।
इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह पहल एफपीएस डीलरों के लिए डिजिटल मार्केटप्लेस में दृश्यता, एनएफएसए लाभार्थियों के अलावा बड़े ग्राहक आधार तक पहुंच और बड़े खुदरा विक्रेताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता सहित अनेक लाभ उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा, जिन लाभार्थियों को ऑनलाइन खरीदारी करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वे भी अपनी ओर से ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए ऐसे एफपीएस डीलर के साथ संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हिमाचल प्रदेश में लागू की जा रही इस पायलट पहल की सफलता भविष्य में राज्यव्यापी और देशव्यापी रूप से इस पहल को अपनाने के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगी। उन्होंने इस पायलट कार्यक्रम को लागू करने में माइक्रोसेव कंसल्टिंग (एमएससी) की सहायता की भी प्रशंसा की।
लॉन्च कार्यक्रम के बाद, ऊना और हमीरपुर जिलों में एफपीएस डीलरों के लिए फिजिकल मोड में एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उत्पादों को सूचीबद्ध करने, सेवा आदेश और ओएनडीसी पर कमीशन संरचना आदि के बारे में जानकारी दी गई।
लॉन्च कार्यक्रम के दौरान संयुक्त सचिव (पीडी), अनीता कर्ण, निदेशक (पीडी), रविशंकर, मितुल थपलियाल, पार्टनर, एमएससी और सारांश अग्रवाल, ओएनडीसी भी उपस्थित थे।
Tuesday, February 6, 2024
विधायक मलेंद्र राजन ने गंगथ स्कूल के होनहारों को बांटे पुरुस्कार
Friday, February 2, 2024
19 करोड़ से होगा देहर खड्ड से बंडेरु तथा चैलियाँ से खब्बल सड़को का सुधारीकरण कार्य: कृषि मंत्री
19 करोड़ से होगा देहर खड्ड से बंडेरु तथा चैलियाँ से खब्बल सड़को का सुधारीकरण कार्य
विद्यार्थी के जीवन को मजबूत आकार देने में शिक्षक की अहम भूमिका:कृषि मंत्री चंद्र कुमार
कृषि मंत्री ने नाणा-हार स्कूल में नवाजे मेधावी छात्र
Thursday, February 1, 2024
अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्य बातें
अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्य बातें
वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र और ‘सबका प्रयास’ के संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण के साथ संसद में आज अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
भाग – क
सामाजिक न्याय
- चार प्रमुख वर्गों यानी गरीब, महिलाएं, युवा एवं अन्नदाता (किसान) को ऊपर उठाने पर प्रधानमंत्री का फोकस।
‘गरीब कल्याण, देश का कल्याण’
- पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर आने में मदद की।
- पीएम-जनधन खातों के उपयोग से बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष हस्तांतरण। इससे सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई।
- पीएम-स्वनिधि के तहत 78 लाख फेरी वालों को ऋण सहायता। 2.3 लाख फेरी वालों को तीसरी बार ऋण प्राप्त हुआ।
- पीएम-जनमन योजना के जरिए विशेष तौर पर कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के विकास पर जोर।
- पीएम-विश्वकर्मा योजना के तहत 18 व्यवसायों से जुड़े कारीगरों एवं शिल्पकारों को एंड-टू-एंड मदद।
‘अन्नदाता’ का कल्याण
- पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
- पीएम-फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ किसानों को फसल बीमा उपलब्ध कराई गई।
- इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट (ई-नाम) के तहत 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए की खरीद-फरोख्त के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं उपलब्ध।
नारी शक्ति पर जोर
- 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए।
- उच्च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ा।
- स्टेम पाठ्यक्रमों में छात्राओं एवं महिलाओं का 43 प्रतिशत नामांकन, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
- पीएम-आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण)
- कोविड संबंधी चुनौतियों के बावजूद पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ मकानों का लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जाएगा।
- अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त मकानों का लक्ष्य लिया जाएगा।
छत पर सौर प्रणाली लगाना (रूफटॉप सोलराइजेशन) और निशुल्क बिजली
- छत पर सौर प्रणाली लगाने से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे।
- हरेक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपए की बचत होने का अनुमान।
आयुष्मान भारत
- आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा।
कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना से 38 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और रोजगार के 10 लाख अवसरों का सृजन हुआ है।
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम के औपचारिकीकरण योजना से 2.4 लाख स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) और 60,000 लोगों को ऋण सुविधा प्राप्त करने में मदद मिली है।
आर्थिक उन्नति रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार
- 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा। इस कोष से दीर्घकालिक वित्त पोषण या पुनर्वित्तपोषण कम या शून्य ब्याज दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- रक्षा उद्देश्यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकी को मजबूती देने और आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
बुनियादी ढांचा
- बुनियादी ढांचा के विकास और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया जा रहा है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगी।
रेलवे
- लॉजिस्टिक्स कुशलता को बेहतर करने और लागत घटाने के लिए पीएम गतिशक्ति के तहत तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रमों की पहचान की गई है।
- ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा
- पत्तन संपर्कता गलियारा
- अधिक यातायात वाले गलियारा
- 40,000 सामान्य रेल डिब्बों को ‘वंदे भारत’ मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।
विमानन क्षेत्र
- देश में हवाई अड्डों की संख्या 149 पर हुई दोगुनी।
- 517 नए हवाई मार्ग 1.3 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं।
- देश की विमानन कंपनियों ने 1,000 से अधिक नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए।
हरित ऊर्जा
- वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी।
- परिवहन के लिए कम्प्रस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू प्रयोजनों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध अधिदेशात्मक मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा।
पर्यटन क्षेत्र
- राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटक केन्द्रों का संपूर्ण विकास शुरू करने, उनकी वैश्विक पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- पर्यटन केन्द्रों को वहां उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा।
- इस प्रकार की गतिविधियों का वित्त पोषण करने के लिए राज्यों को मैचिंग के आधार पर ब्याज मुक्त दीर्घावधि ऋण दिया जाएगा।
निवेश
- वर्ष 2014 से 2023 के दौरान एफडीआई का अंतर्प्रवाह 596 अरब डॉलर रहा, जो वर्ष 2005 से 2014 के दौरान हुए एफडीआई अंतर्प्रवाह के मुकाबले दोगुना है।
‘विकसित भारत‘ के लिए राज्यों में सुधार
- राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्ताव।
संशोधित अनुमान (आरई) 2023-24
- उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ रुपए है।
- कुल व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए है।
- 30.03 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान से अधिक रहने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था में मजबूत विकास दर और इसके औपचारीकरण को दर्शाता है।
- वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 5.8 प्रतिशत है।
बजट अनुमान 2024-25
- उधारी से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ रुपए और 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
- राज्यों के पूंजीगत व्यय के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण योजना कुल 1.3 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ इस वर्ष भी जारी रखी जाएगी।
- वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- वर्ष 2024-25 के दौरान डेटेड सिक्योरिटीज़ के जरिए सकल एवं शुद्ध बाजार उधारी क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपए और 11.75 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान।
भाग - ख
प्रत्यक्ष कर
- वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष करों की मौजूदा दरों को बरकरार रखने का प्रस्ताव किया
- पिछले 10 साल के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह तिगुना, रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ी
- सरकार करदाता सेवाओं में लाएगी सुधार
- वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि से जुड़ी 25 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
- वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की 10 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
- इससे एक करोड़ करदाताओं को होगा लाभ
- सावरेन वेल्थ फंड अथवा पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश, स्टार्टअप के लिए कर लाभ 31.03.2025 तक बढाया गया
- आईएफएससी इकाईयों की कुछ आय पर कर रियायत को एक साल बढ़ाकर 31.03.2024 से 31.03.2025 किया गया
अप्रत्यक्ष कर
- वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष करों और आयात शुल्कों की वर्तमान दरों को बकरार रखने का प्रस्ताव किया
- जीएसटी ने देश में पूरी तरह बिखरी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया
- इस साल औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह दोगुना होकर 1.66 लाख करोड़ रुपये हुआ
- जीएसटी कर आधार दोगुना हुआ
- राज्यों का राज्य जीएसटी राजस्व वृद्धि अनुपात (राज्यों को दी गई क्षतिपूर्ति सहित) जीएसटी से पहले की अवधि (2012-13 से 2015-16) के 0.72 से बढ़कर जीएसटी लागू होने के बाद की अवधि (2017-18 से 2022-23) के दौरान 1.22 हो गया
- उद्योग जगत के 94 प्रतिशत उद्यमियों के अनुसार जीएसटी व्यवस्था काफी कुछ सकारात्मक रही है
- जीएसटी से आपूर्ति श्रृंखला युक्तिसंगत बनी
- जीएसटी से व्यापार और उद्योग पर अनुपालन बोझ कम हुआ
- लॉजिस्टिक लागत और करों में कमी से वस्तु और सेवाओं के मूल्य घटने से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा
पिछले वर्षों के दौरान कर व्यवस्था को तर्कसंगत बनाने के प्रयास
- वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 2.2 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त थी, वहीं अब सात लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देनदारी नहीं।
- खुदरा व्यवसायों के अनुमानित कराधान के लिए कारोबार सीमा को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये किया गया
- पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया
- वर्तमान घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत की गई
- विनिर्माण क्षेत्र की नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर कर दर 15 प्रतिशत रखी गई
करदाता सेवाओं की उपलब्धियां
- कर रिटर्न प्रोसेस करने की औसत समय-सीमा 2013-14 के 93 दिन से घटकर दस दिन रह गई
- बेहतर दक्षता के लिए चेहरा रहित आकलन और अपील की शुरूआत की गई
- रिटर्न दाखिल करने के काम को सरल बनाने के लिए नया 26 एएस फार्म और पहले से भरे गये टैक्स रिटर्न विवरण के साथ इनकम टैक्स रिटर्न को अद्यतन किया गया
- सीमा शुल्क सुधारों से आयतित माल छोड़ने के समय में आई कमी
- अंतर्देशीय कंटेनर डिपो में यह 47 प्रतिशत घटकर 71 घंटे रह गया
- एयर कार्गो परिसरों में यह 28 प्रतिशत घटकर 44 घंटे रह गया
- समु्द्री बंदरगाहों पर 27 प्रतिशत घटकर 85 घंटे रह गया
अर्थव्यवस्था - तब और अब
- वर्ष 2014 में अर्थव्यवस्था में सुधार और प्रशासन प्रणाली को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी थी। तब समय की जरूरत थी:
- निवेश आकर्षित करना
- बहुप्रतीक्षित सुधारों के लिए समर्थन जुटाना
- लोगों में उम्मीद जगाना
- सरकार ‘राष्ट्र प्रथम’ की मजबूत भावना के साथ सफल रही
- ‘’अब यह देखने का उचित समय है कि 2014 तक हम कहां थे और अब कहां है’’ वित्त मंत्री
सरकार इस संबंध में सदन के पटल पर एक श्वेत-पत्र रखेगी