Sunday, February 25, 2024

2.42 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये मिलेगी पेंशनः मुख्यमंत्री, इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना का शुभारंभ

समाचार हिमाचल: 25 फरवरी 2024

राजस्थान में भाजपा सरकार ने वापस ली पुरानी पेंशन स्कीमः मुख्यमंत्री
लाहौल-स्पीति के स्कूलों में सर्दियों में होंगी छुट्टियांः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज लाहौल-स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग में इंदिरा गांधी प्यारी महिला सम्मान निधि योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत जिला लाहौल-स्पीति की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह पेंशन प्रदान की जाएगी। उन्होंने जिला लाहौल-स्पीति के उदयपुर में बीडीओ कार्यालय, दारचा में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने, केलांग में सीवरेज स्कीम तथा पानी की निकासी की योजना शुरू करने व शहर के सौंदर्यीकरण की योजना बनाने, टिंडी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा मडग्रान में पशुपालन विभाग की डिस्पेंसरी खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिला लाहौल-स्पीति में गर्मियों में स्कूल खुले रहेंगे और सर्दी में छुट्टियां होंगी।
‘जुले’ कहकर अपने भाषण की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में -9 डिग्री तापमान में भी स्थानीय लोग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं तथा लोगों का उत्साह देखकर आनंदित हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से अपनी सभी गारंटियों को पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहला हिमाचल दिवस स्पीति घाटी के काजा में मनाया था और वहां 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह प्रदान करने की घोषणा की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘आज मैं अपना वादा पूरा करने के लिए आया हूं। जिला लाहौल-स्पीति में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना शुरू करने के साथ-साथ प्रदेश में 1100 रुपये पेंशन प्राप्त करने वाली 2.37 लाख महिलाओं को भी मैं एक फरवरी 2024 से 1500 रुपये प्रदान करने की घोषणा करता हूं। इस प्रकार प्रदेश की 2.42 लाख महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये की पेंशन प्राप्त होगी। हम जो कहते हैं, वह करते हैं। हम अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने और आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रखने के लिए आए हैं।’
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट 2024-25 में राज्य सरकार ने सभी वर्गों के लिए योजनाएं शुरू की हैं। विधवा महिलाओं के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च वहन करने की योजना आरंभ की है। इसके साथ ही मनरेगा दिहाड़ी में 60 रुपये वृद्धि कर इसे 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया। उन्होंने कहा कि दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बन गया है, जहां गाय का दूध खरीद का न्यूनतम मूल्य 45 रुपये तथा भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर तय किया गया है। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्की का रेट 30 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है। कर्मचारियों को 4 प्रतिशत डीए तथा बकाया राशि का भुगतान चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। साथ ही पुलिस की डाइट मनी को पांच गुणा बढ़ाकर 210 रुपये से 1000 रुपये किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़कियों की शादी की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरंभ की है।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने उन्हें खाली खजाना विरासत में दिया, लेकिन इसके बावजूद पिछले एक वर्ष में वर्तमान सरकार ने इस व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयास किए। सरकार ने पहले बजट में आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रखी क्योंकि कर्ज पर निर्भर नहीं रहा जा सकता और राजस्व में वृद्धि के उपाय तलाशे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का है इसलिए अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देने के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना। यह अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का राज्य सरकार का संवेदनशील प्रयास है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अपनी गांरटी को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के कई प्रतिबंध लगने के बावजूद पुरानी पेंशन को बहाल किया है, ताकि वह बुढ़ापा सम्मानपूर्वक गुजार सकें। वहीं राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही उन्होंने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई पुरानी पेंशन स्कीम को वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा का सामना किया, जिसमें 525 लोगों की मौत हुई तथा 16000 घरों को नुकसान हुआ। केंद्र सरकार से कोई भी मदद न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का पैकेज आपदा प्रभावितों को दिया, जिसके तहत पूर्ण रूप से घर क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा राशि को 1.30 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है।
सांसद प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री का लाहौल-स्पीति में स्वागत किया और विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए जिलावासियों की ओर से आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार विपरीत परिस्थितियों में काम कर रही है और सभी वर्गों की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को शुरू किया है तथा महिलाओं को 1500 रुपये प्रदान करने की पहल भी लाहौल-स्पीति से कर दी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस योजना का लाभ चरणबद्ध तरीके से सभी जिलों में महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा।
विधायक रवि ठाकुर ने 70 करोड़ रुपये की विभिन्न विकासात्मक परियोजना के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे जनजातीय क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने जिलावासियों को लाहौल शरद उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि यह एक आपसी मेल-जोल तथा यहां की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने का मंच है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सांसद प्रतिभा सिंह द्वारा दान की कई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और विकासात्मक प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने जिला पुलिस की कॉफी टेबल बुक का अनावरण भी किया।
इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष अनुराधा ठाकुर, कांग्रेस जिला अध्यक्ष गेलसन ठाकुर, उपायुक्त राहुल कुमार, पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी, निदेशक ईसोमसा प्रदीप ठाकुर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

काठगढ़ 3 दिवसीय जिला स्तरीय शिवरात्रि महोत्सव 7 से 9 मार्च तक

राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 24 फरवरी 2024

उपमंडल अधिकारी इंदौरा डा. सुरिंदर ठाकुर की अध्यक्षता में काठगढ़ मंदिर परिसर में शनिवार को एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागाध्यक्षों ने भाग लिया। बैठक में 7 से 9 मार्च तक तक मनाये जाने वाले 3 दिवसीय जिला स्तरीय शिवरात्रि महोत्सव की तैयारियों को लेकर प्रशासन और काठगढ़ मंदिर सुधार सभा द्वारा चर्चा की गई। 
काठगढ़ मंदिर सुधार सभा के प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 से 9 मार्च तक तक मनाये जाने वाले 3 दिवसीय जिला स्तरीय शिवरात्रि महोत्सव के उद्घाटन व समापन समारोह पर एक भव्य शोभा यात्रा निकाली जायेगी। सफाई व्यवस्था, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला पुलिस के साथ साथ स्पैशल बटालियन के पुलिस जवान भी तैनात रहेंगे। मेले में निगरानी के लिए सादे कपड़ों में भी पुलिस जवान तैनात रहेंगे।  लोकनिर्माण विभाग द्वारा इंदौरा से काठगढ़ मंदिर व पंजाब क्षेत्र की सड़क को भी दरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। 
श्रद्धालु-भक्तों की सुविधा के लिए दिन रात स्वास्थ विभाग की टीम सभा द्वारा चलाई गई डिस्पेंसरी अपनी सेवाएं देंगी। उन्होंने बताया कि लंगर लगाने वाले दानी सज्जनों को बीएमओ इंदौरा व फूड इंस्पेक्टर से गुणबत्ता की एनओसी लेनी होगी। सभा द्वारा विकलांग श्रद्धालुओं को भी दर्शन करवाने का विशेष प्रावधान किया जाएगा।  जलशक्ति विभाग द्वारा मेले के दौरान पानी कि उचित व्यवस्था की जाएगी, हिमाचल परिवहन निगम द्वारा भी मेले पर अतिरिक्त बसें चलाई जाएगी। बिजली विभाग द्वारा भी मेले के दौरान कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। 
मन्दिर सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच ने बताया कि उद्घाटन समारोह में 7 मार्च को विधायक इंदौरा मलेंद्र राजन व समापन समारोह में यादविंदर गोमा आयुष एवम युवा खेल मंत्री बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। 
इस अवसर पर तहसीलदार इंदौरा शिखा, एडिशनल एस एच ओ नरेश कुमार, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग मोहिंदर सिंह,  लोक निर्माण विभाग, एचआरटीसी डीपो पठानकोट, स्वास्थ विभाग व  विद्युत विभाग के साथ अन्य विभाग अध्यक्ष मौजूद रहे. वहीँ मन्दिर सभा के उपप्रधान युद्धवीर सिंह नंबरदार, कार्यालय सचिव योगिंदर पाल भारद्वाज, सचिव तिरलोचन कंवर, प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा, संगठन मंत्री रमेश पठानिया, प्रचार सचिव प्रेम सिंह, बलबीर सिंह, सुरजीत सिंह, सतीश मन्हास, रमेश शर्मा, अनिल कुमार, देवेंद्र गौतम, गुरजीत सिंह, सोम राज, विजय पठानिया, करण देव परमार तथा नत्था धीमान आदि उपस्थित रहे। 

Friday, February 23, 2024

पीले रतुआ की रोकथाम के लिए किसान करें टिल्ट का स्प्रे

राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 23 फरवरी 2024 

गेहूं की फसल में पीले रतुआ बीमारी की रोकथाम के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को किया जागरूक

किसान पीले रतुआ की रोकथाम के लिए करें टिल्ट दवाई का स्प्रे

रवी सीजन में गेहूं की फसल इस समय तैयार हो रही है लेकिन मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते वर्तमान समय में फसल में पीला रतुआ रोग लगने का खतरा पैदा हो गया है। गेहूं के फसल को इस रोग से बचने के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत शुक्रवार को कृषि विभाग की जैव नियंत्रण प्रयोगशाला पालमपुर के वैज्ञानिकों ने नूरपुर उपमंडल की सदवां,सुल्याली तथा पन्दरेहड़ पंचायतों में खेतों का दौरा कर फसलों का निरीक्षण किया।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इन क्षेत्रों में गेहूं की फसलों पर पीले रतुआ के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं। उन्होंने किसानों को पीले रतुआ की रोकथाम के लिए 1 लीटर पानी में एक मिलीलीटर टिल्ट दवाई मिलाकर स्प्रे करने की सलाह दी जिससे इस रोग की रोकथाम समय रहते हो सके ।
एसएमएस डॉ शैलेश पाल ने बताया कि किसान कृषि विभाग नूरपूर के कार्यलय से टील्ट दवाई प्राप्त कर गेंहूँ की फसल में पीले रतुआ के लक्षण दिखने पर अपने खेतों में उसका छिड़काव कर सकते हैं।
इस अवसर पर जैव नियंत्रण प्रयोगशाला पालमपुर के वैज्ञानिक डॉ अमन, डॉ रीता, डॉ अंजू तथा कृषि विभाग के एसएमएस डॉ शैलेश पाल सूद मौजूद रहे।

Thursday, February 22, 2024

कंडवाल: एनएचएआई और आईआरबी के कामगारों का जांचा स्वास्थ्य

राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 23 फरवरी 2024

टीबी उन्मूलन अभियान के तहत कंडवाल में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित

एनएचएआई और आईआरबी के कामगारों का जांचा स्वास्थ्य

नूरपुर प्रशासन द्वारा शुक्रवार को कंडवाल में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस संबंध में जानकारी देते एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह ने बताया कि शिविर में एनएचएआई और आईआरबी के कामगारों की टीबी की जांच करने के साथ उनका स्वास्थ्य की भी जांच की गई। 
उन्होंने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य फोरलेन निर्माण में कार्य कर रहे मजदूरों के स्वास्थ्य की नियमित जांच करने के साथ उनमें क्षय रोग के किसी भी प्रकार के लक्षणों की जांच करना है। उन्होंने बताया की कामगारों को धूल मिट्टी में काम करना पड़ता है जिस कारण उनमें क्षय रोग होने का खतरा बना रहता है।
गुरसिमर सिंह ने बताया साल 2025 तक टीवी मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने के लिए प्रशासन द्वारा काम किया जा रहा है। जिसके तहत गत माह स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई थी।
उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों की पहचान के लिए उपमंडल में समय-समय स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं ताकि जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति में टीबी के लक्षण पाए जाने पर उसका समय रहते उपचार किया जा सके।

Wednesday, February 21, 2024

कृषि विभाग द्वारा नूरपुर में किसानों के लिए एक दिवसीय जागरूकता शिविर आयोजित

राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 21 फरवरी 2024

कृषि विभाग द्वारा आज बुधवार को नूरपुर उपमंडल के तहत सुल्याली पंचायत में किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के 50 किसानों ने भाग लिया।
विषय वाद विशेषज्ञ (कृषि) डॉ शैलेश पाल सूद ने इस मौके पर किसानों को कृषि क्षेत्र के अंतर्गत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं बारे जानकारी प्रदान करने के साथ उनका लाभ लेने बारे भी उचित मार्गदर्शन किया। उन्होंने किसानों से योजनाओं का प्रसार करने के साथ इनका लाभ उठाने की अपील की।
फसल बीमा योजना प्रचारक अर्जुन तथा अंकुश ने किसानों को फसल बीमा योजना के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर इफको के क्षेत्र प्रदर्शक विपन कुमार ने किसानों को नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, सागरिका तथा जैविक खाद के फायदों के बारे में बताने के साथ उनके प्रयोग बारे जानकारी दी।
कृषि प्रसार अधिकारी डॉ अमन कौल तथा डॉक्टर कमल कोटिया द्वारा भी किसानों को कृषि संबंधित जानकारियां मुहैया करवाई गईं। इस अवसर पर इफको द्वारा किसानों को निःशुल्क खाद भी वितरित की गई।
 

Monday, February 19, 2024

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में एक्सीलैन्ट हाऊस बना ओवरऑल विजेता

आधुनिक पब्लिक स्कूल , जसूर (मठोली ) में जूनियर और सीनियर सेक्शन में स्कूल के चार सदनों एक्सीलैन्ट, ब्रीलिएन्ट, जीनियस और मैक्रोमाइण्ड में इन्टर-हाऊस क्विज कम्पीटिशन करवाया गया।

जिसमें कक्षा पहली से पांचवीं को जूनियर सेक्शन और कक्षा छठी से दसवीं तक के बच्चों ने सीनियर सेक्शन में भाग लिया।
स्कूल के सभी बच्चों का कक्षावार भी क्विज करवाया गया। जिनमें बहुत सारे बच्चों ने ईनाम जीते।
सबसे पहले स्कूल के जूनियर सेक्शन में क्विज कम्पीटिशन हुआ। जिसमें एक्सीलैन्ट हाऊस के छात्रों नविश, नक्ष, श्री आराध्य, दीशिता, राघव व सौम्या ने वाकी सभी हाऊस के छात्रों को पटखनी देते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। इन्टर-हाऊस कम्पीटिशन क्विज के दूसरे सेक्शन में कक्षा छठी से दसवीं तक के छात्रों ने भाग लिया जिसमें फिर एक बार एक्सीलैन्ट हाऊस के छात्रों रीधिमा, विश्व, पनव, नवी, अन्कित, अन्तरिक्ष व अथर्व ने वाकी तीनों सदनों के छात्रों को हराकर सीनियर सेक्शन में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कक्षावार हुए क्विज - कम्पीटिशन में कक्षा प्रथम से अर्जुन, दीक्षित, गरिमा, ध्रुविका, वृद्दि, अवनी, कनिका, कक्षा दूसरी से काव्या, अलंकृत, अनाहिता, अन्शिका, आनवी, रेहान्श, कक्षा तीसरी से कृतिका, आराध्या, अनुज, सिमरत, नविश, कक्षा चौथी से नन्दिनी, जानवी, अराधना, कनव, गोपेश, सनाह, नक्ष, अनन्या, कक्षा पान्चवी से अदिति, अन्शिका, निखिल, काव्य, अन्श, सेजल, आर्यन, कक्षा छठी से कृतिका, कृति, अरनव, प्रद्युम, अनुष्का, सातवीं से अनमोल, अभिषेक, आठवीं से जानवी, विश्व, नवमी से कार्तिक, पनव, दसवीं से अताशी, निहारिका, सिमरन, पलक, कृतिका, पारस व अन्श ने अपनी -2 कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कक्षा पहली से अर्जुन, पान्चवी की सेजल सहोत्रा व नवमी के कार्तिक सेन ने सबसे जायदा प्रश्नों के उत्तर देकर करीव 4-4ईनाम अपने नाम किए। जिसके कारण उन्हें सत्र 2023-24 के वेस्ट परफाॅर्मर ऑफ़ क्विज - कम्पीटिशन के खिताब से नवाजा गया। 
नकद पुरस्कार के लिए पूछे ग​ए क्विज में कक्षा पान्चवी के आर्यन ने सबसे पहले जबाव देकर प्रथम स्थान हासिल कर नकद पुरस्कार प्राप्त किया।
इस क्विज कम्पीटिशन के मुकाबलों में स्कूल के चारों सदनों के सदन - ईन्चार्ज विशेष रुप से उपस्थित रहे।
जिसमें एक्सीलैन्ट - हाऊस से नविता, लीना, राजेश, गुलशन, ब्रीलिएन्ट हाऊस से शिल्पा, रीना, कीर्ति, सिमरन, जीनियस हाऊस से सरला, वन्दना, मोनिका, ललिता, मैक्रोमाइन्ड हाऊस से मधु, सुचेता, अनुपम, नीकिता, सुमन व अदिति ने इस क्विज कम्पीटिशन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
क्विज - कम्पीटिशन के आख़िर में स्कूल प्रधानाध्यापक सुशवीन पठानिया व निर्मल ठाकुर ने सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया व उनके उज्जवल भविष्य और बुद्धिलब्धि को बढा़ने के लिए प्रतिदिन न्यूजपेपर व सामान्य ज्ञान की किताबों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया व बताया कि आने वाला समय बहुत ही कडे़ मुकावले वाला है, ज्ञान के विना आने वाले समय में जीवन - यापन करना मुश्किल ही नही अपितु बहुत ही कठिन है। इसलिए सभी विद्यार्थी किताबों के साथ-2 वाकी चीजों का भी ज्ञान रखें ताकि आने वाले समय में वो किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर उसमें सफलता प्राप्त कर अपना, अपने माता - पिता, अपने अध्यापकों व अपने विद्यालय का नाम रोशन कर सकें।

Monday, February 12, 2024

प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए सरकार तैयार कर रही नई खेल नीतिः मुख्यमंत्री

समाचार हिमाचल (12 फरवरी 2024)


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश में खेल ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए सरकार एक नई व्यापक खेल नीति ला रही है। इस खेल नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उभरती खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ खिलाड़ियों को उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए खेल स्तर को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को पर्याप्त संसाधन और सुविधाएं मुहैया करवाना सरकार की प्राथमिकता है और उभरते खिलाड़ियों के कौशल को और निखारने तथा खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने की दिशा में कार्य कर रही है। इस लक्ष्य के दृष्टिगत ही नई खेल नीति तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित खेल नीति के अन्तर्गत अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि मेें उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी। यह कदम न केवल खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, अपितु विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में देश और प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले एथलीटों के अथक परिश्रम और प्रयासों को पुरस्कृत भी करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार खेल अधोसंरचना को सुदृढ़ कर उन्नत सुविधाएं व खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक सक्षम वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की कई खेल हस्तियों ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और सरकार उत्कृष्ट खेल ढांचा व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए उनके भविष्य को संवारने के लिए दृढ़ संकल्पित है ताकि वे देश और प्रदेश का नाम रोशन कर सकंे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नई नीति खेल प्रतिभाओं को निखारते हुए उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और हिमाचल को देश के खेल कौशल केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

Sunday, February 11, 2024

आगामी बजट में किसान की आय बढ़ाने के लिए आएंगी नई योजनाएं - मुख्यमंत्री

समाचार हिमाचल (11 फरवरी 2024) 

किसान को सामर्थ्यवान व स्वावलम्बी बनाने के लिए कृषि को उद्योग के रूप में प्रोत्साहित कर रही प्रदेश सरकार: ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के साथ किया सीधा संवाद--
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के होटल पीटरहॉफ में प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि को उद्योग के रूप में प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसानों को सामर्थ्यवान एवं स्वावलम्बी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर है, जिसमें कृषि व दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार आगामी बजट में किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं ला रही है, ताकि पशुपालन और कृषि के बारे में समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव आ सके। आगामी दो वर्षों में राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती में किसानों का भविष्य है, जिसमें पशुपालन की भूमिका अहम है क्योंकि कृषि व दूध उत्पादन का सीधा आपसी संबंध है। उन्होंने कहा कि किसानों के हाथ में पैसा पहुंचे, इसके लिए नीतियों व नियमों में मूलभूत परिवर्तन किए जा रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार जन सहयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है और कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन के दृष्टिगत पशुपालन को विशेष रूप से बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूध खरीद के मूल्य में छह रुपए की बढ़ौतरी राज्य सरकार की ओर से पशुपालकों को निश्चित आय का आश्वासन है और इससे वे दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार दूध उत्पादकों को कर में रियायत देने पर भी विचार करेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में दूध की गुणवत्ता बेहतर है तथा इसमें और सुधार करते हुए बेहतर विपणन व्यवस्था से जोड़कर किसानों की आय में आशातीत बढ़ोतरी की जा सकती है। इसी दृष्टिकोण के साथ सरकार अब कृषि को रोजगार के रुप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आज तक इस बारे में गम्भीरता से विचार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको स्वावलंबी बनाना चाहता हूं, ताकि किसान घर में बैठकर अपनी आय के साधन बढ़ा सके। किसानों को शोषण से बचाने और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। जब गांव के लोगों की आय बढ़ेगी, तभी हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। इसके लिए हमें पुरानी परंपराओं और नई टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलना होगा।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूध खरीद मूल्य को लागत मूल्य के आधार पर देने के लिए ‘हिम गंगा योजना’ की शुरुआत इस वित वर्ष से कर दी गई है, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही जिला कांगड़ा के ढगवार में 1 लाख 50 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी क्षमता 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित होगा जिस पर अनुमानित 226 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बकरी के दूध और पहाड़ी गाय के दूध की खूबियों का भी अध्ययन किया जा रहा है।
 
 उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। डीजल व पैट्रोल गाड़ियों पर निर्भरता कम की जा रही है और ई-व्हीकल को प्रमोट किया जा रहा है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना के दूसरे चरण में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए किसानों की अनुपयोगी भूमि का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन में किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवा अपनी भूमि पर 100, 200, 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर पाएंगे तथा राज्य सरकार उनसे 25 वर्षों तक बिजली की खरीद कर, उन्हें निश्चित आय सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ खुले संवाद सत्र में व्यापक चर्चा भी की और किसानों व अन्य हितधारकों से मिले सुझावों को राज्य सरकार की नीति में शामिल करने का आश्वासन भी दिया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मिल्कफैड की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम में पहुंचने पर सचिव पशुपालन, राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया, जबकि मिल्कफैड के प्रबंधक निदेशक डॉ. विकास सूद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, कांग्रेस नेता चेत राम ठाकुर, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार, निदेशक पशु पालन डॉ. प्रदीप शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Saturday, February 10, 2024

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा पर बड़ी अपडेट

 समाचार हिमाचल (11 फरवरी 2024)

पहली बार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में कांस्टेबलों की भर्ती के लिए कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित होगी


यह परीक्षा देशभर के 128 शहरों में करीब 48 लाख उम्मीदवार के लिए 20 फरवरी से 7 मार्च 2024 तक आयोजित की जाएगी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने 01 जनवरी 2024 से कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का फैसला किया था

यह ऐतिहासिक निर्णय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की पहल पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया है

कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा के प्रश्न पत्र अब हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा असमिया,बंगाली,गुजराती,मराठी,मलयालम,कन्नड़,तमिल,तेलुगु,ओडिया,उर्दू,पंजाबी,मणिपुरी और कोंकणीमें भी तैयार किया जाएगा

कांस्टेबल (जीडी) चयन परीक्षा, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है जो देश भर से लाखों युवाओं को आकर्षित करती है

इस ऐतिहासिक निर्णय से देशभर के लाखों युवा अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में इस परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी

केंद्र सरकार की इस पहल से देशभर के युवाओं को अपनी मातृभाषा में CAPFs कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा में भाग लेने और देश की सेवा में अपना करियर बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में कांस्टेबलों की भर्ती के लिए पहली बार कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित होगी। यह परीक्षा देशभर के 128 शहरों मेंकरीब 48 लाख उम्मीदवार के लिए 20 फरवरी से 7 मार्च 2024 तक आयोजित की जाएगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने 01 जनवरी 2024 से CAPFs में भर्तीके लिए कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षाहिंदी और अंग्रेजी के अलावा13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का फैसला किया था। यह ऐतिहासिक निर्णय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की पहल पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया है।

कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा के प्रश्न पत्र अब हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा निम्न13 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाएगा

  1. असमिया
  2. बंगाली
  3. गुजराती
  4. मराठी
  5. मलयालम
  6. कन्नड़
  7. तमिल
  8. तेलुगु
  9. ओडिया
  10. उर्दू
  11. पंजाबी
  12. मणिपुरी
  13. कोंकणी

कांस्टेबल (जीडी) चयन परीक्षा, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है जो देश भर से लाखों युवाओं को आकर्षित करती है।इसलिए, गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग ने हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने की सुविधा के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। तदनुसार, एसएससी ने कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा, 2024 को अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 13क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने के लिए अधिसूचना प्रकाशित की है।

इस ऐतिहासिक निर्णय से देशभर के लाखों युवा अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में इस परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसके, परिणामस्वरूप पूरे देशमें परीक्षार्थियों के बीच इस परीक्षा की पहुंच बढ़ेगी और सभी को रोजगार का समान अवसर भी मिलेगा।

केंद्र सरकार की इस पहल से देशभर के युवाओं को अपनी मातृभाषा में कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलोंमें कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा में भाग लेने और देश की सेवा में अपना करियर बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है।

Wednesday, February 7, 2024

हिमाचल प्रदेश उचित मूल्य की 11 दुकानें पहली बार ओएनडीसी पर सम्मिलित

 उचित मूल्य की दुकानें पहली बार, ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर सम्मिलित हुईं



हिमाचल प्रदेश के ऊना और हमीरपुर जिलों की 11 उचित मूल्य की दुकानें ओएनडीसी पर शामिल होने वाली पहली दुकानें हैं जो भविष्य में राज्यव्यापी और देशव्यापी रूप से इस पहल को अपनाने के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगी

इस कदम से उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों के लिए आय सृजन का एक अतिरिक्त अवसर उपलब्ध होगा, जिससे लाभार्थियों की संतुष्टि में वृद्धि होगी: सचिव, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग


डिजिटल इंडिया की दिशा में उठाए गए एक कदम के रूप मेंभारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिवश्री संजीव चोपड़ा ने ओपन नेटवर्क डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) पर हिमाचल प्रदेश के ऊना और हमीरपुर जिलों की उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को ऑन-बोर्ड करने के लिए एक पायलट पहल लॉन्च की है। यह पायलट पहल वर्चुअली हिमाचल प्रदेश की 11 एफपीएस में शुरू की गई जिनमें ऊना की एफपीएस और हमीरपुर जिले की एफपीएस शामिल हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब उचित मूल्य की दुकानें ओएनडीसी पर शामिल हुई हैं।

इस अवसर पर श्री चोपड़ा ने कहा कि यह ऐतिहासिक पहल उचित मूल्य की दुकानों का कायाकल्प करने के बारे में विभाग द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम है। इस प्रयास का उद्देश्य लाभार्थियों की संतुष्टि को बढ़ाने के साथ-साथ एफपीएस डीलरों के लिए आय सृजन के अतिरिक्त अवसर प्रदान करना भी है।

इसके अलावाउन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह पहल एफपीएस डीलरों के लिए डिजिटल मार्केटप्लेस में दृश्यताएनएफएसए लाभार्थियों के अलावा बड़े ग्राहक आधार तक पहुंच और बड़े खुदरा विक्रेताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता सहित अनेक लाभ उपलब्ध कराएगी। इसके अलावाजिन लाभार्थियों को ऑनलाइन खरीदारी करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैवे भी अपनी ओर से ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए ऐसे एफपीएस डीलर के साथ संपर्क कर सकते हैं।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हिमाचल प्रदेश में लागू की जा रही इस पायलट पहल की सफलता भविष्य में राज्यव्यापी और देशव्यापी रूप से इस पहल को अपनाने के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगी। उन्होंने इस पायलट कार्यक्रम को लागू करने में माइक्रोसेव कंसल्टिंग (एमएससी) की सहायता की भी प्रशंसा की।

लॉन्च कार्यक्रम के बादऊना और हमीरपुर जिलों में एफपीएस डीलरों के लिए फिजिकल मोड में एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उत्पादों को सूचीबद्ध करनेसेवा आदेश और ओएनडीसी पर कमीशन संरचना आदि के बारे में जानकारी दी गई।

लॉन्च कार्यक्रम के दौरान संयुक्त सचिव (पीडी)अनीता कर्णनिदेशक (पीडी)रविशंकरमितुल थपलियालपार्टनरएमएससी और सारांश अग्रवालओएनडीसी भी उपस्थित थे।

Tuesday, February 6, 2024

विधायक मलेंद्र राजन ने गंगथ स्कूल के होनहारों को बांटे पुरुस्कार


विधायक मलेंद्र राजन ने आज मंगलवार को इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गंगथ के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने विद्यालय के होनहार विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया तथा वर्ष भर में प्राप्त उपलब्धियां के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वार्षिक उत्सव संस्थान में वर्षभर के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियां के लिये सम्मानित करने का अवसर होता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ उनको प्रतिभा दिखाने का अवसर भी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक न केवल विषय ज्ञान प्रदान करने के लिए बल्कि अपने छात्रों में कैरियर मार्गदर्शन और नैतिक आदर्श स्थापित करने के लिए भी जिम्मेदार हैं।

विधायक ने अध्यापकों से छात्रों के लिए पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाने का आह्वान किया और छात्रों की प्रतिभा की पहचान कर इन्हें ओर निखारने की दिशा में सकारात्मक शुरुआत करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संवेदनशील सरकार है, जो जनता की भावनाओं को बेहतर ढंग से समझती है। उन्होंने कहां की वर्तमान राज्य सरकार आम लोगों की सरकार है जिसमें महिलाओं, युवाओं,गरीबों, किसानों और कर्मचारियों सहित हर वर्ग को सम्मान मिल रहा है।
विधायक ने स्कूल में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 21 हजार रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग निर्माण का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है। उन्होंने स्कूल के लिए कब्बड्डी मैट देने तथा सोलर लाइट्स लगाने की घोषणा भी की।

उन्होंने स्कूल प्रबंधन को अपनी तरफ़ से हर सम्भव सहयोग देने का भरोसा दिया।
इससे पूर्व, स्कूल के वाईस प्रिंसिपल विनय महाजन ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और विद्यालय की गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरी।

इस अवसर पर स्कूल के वाईस प्रिंसिपल विनय महाजन, एसएमसी प्रधान करनैल सिंह,बीपीईओ किरण बाला, कांग्रेस नेता असलम खान, प्रशोत्तम शर्मा, कुलदीप शर्मा, जसवीर कटोच, राकेश शर्मा सहित बच्चे,अभिभावक, शिक्षण संस्थानों के प्रमुख व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Friday, February 2, 2024

19 करोड़ से होगा देहर खड्ड से बंडेरु तथा चैलियाँ से खब्बल सड़को का सुधारीकरण कार्य: कृषि मंत्री

राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 02 फरवरी 2024


19 करोड़ से होगा देहर खड्ड से बंडेरु तथा चैलियाँ से खब्बल सड़को का सुधारीकरण कार्य

विद्यार्थी के जीवन को मजबूत आकार देने में शिक्षक की अहम भूमिका:कृषि मंत्री चंद्र कुमार

कृषि मंत्री ने नाणा-हार स्कूल में नवाजे मेधावी छात्र


कृषि व पशुपालन मंत्री प्रो0 चंद्र कुमार ने कहा कि विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का महत्वपूर्ण रोल होता है जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देखभाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है। यह उदगार उन्होंने शुक्रवार को ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नाणा-हार में आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की पहचान ऊंची इमारतों से नहीं बल्कि अच्छे शिक्षकों से होती है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में अधिकतर गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं जिनका आईक्यू लेवल अपेक्षाकृत कम होता है। इन बच्चों को ऊँचे मुकाम तक पहुंचाना एक शिक्षक के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहती है। उन्होंने अध्यापकों से इन बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था करने का आह्वान किया ताकि यह बच्चे प्रतिस्पर्धा के युग में चुनौतियों का सामना दृढ़ता और आत्मविश्वास के साथ कर सकें।
प्रो. चन्द्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए राज्य सरकार 300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जिसके तहत प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं जो हर तरह की आधुनिक सुविधाएं से सुसज्जित होंगे,ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का समग्र विकास हो सके।
उन्होंने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही इस क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि उनका जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में सड़क, पुल, बिजली, पानी, स्कूल आदि कांग्रेस सरकार की ही देन है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास तभी सुनिश्चित होता है जब उस क्षेत्र का नेतृत्व मजबूत हो।
कृषि मंत्री ने बताया कि देहर खड्ड से बंडेरु तक 11 किलोमीटर लंबी सड़क के सुधारीकरण के लिए 10 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त चैलियाँ से खब्बल सड़क का 9 करोड़ रुपए की लागत से सुधारीकरण कार्य किया जाएगा।
उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को अपनी ऐच्छिक निधि से 21 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने स्कूल में दो अतिरिक्त कमरे बनाने की घोषणा करने के साथ स्कूल की अधूरी इमारत का काम भी पूरा करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल के लिए खेल मैदान के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों को भी प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा।
स्कूल के प्रधानाचार्य रणजीत सिंह ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और स्कूल की विभिन्न उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। कृषि मंत्री ने स्कूल के वार्षिक समारोह में शैक्षणिक, सांस्कृतिक, खेलकूद सहित विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इससे पहले स्कूल स्टाफ तथा एसएमसी के सदस्यों ने कृषि मंत्री को स्मृति चिन्ह, शाल व टोपी प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने जनसमस्याएं भी सुनीं तथा संबंधित अधिकारियों को समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए।
इस मौके पर स्कूल प्रिंसिपल रणजीत सिंह, एसएमसी प्रधान रीता देवी, विद्युत बोर्ड के अधिशासी अभियंता आदर्श शर्मा, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मनोहर लाल, जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता अजय शर्मा, ब्लॉक कांग्रेस प्रवक्ता संसार सिंह संसारी, ओबीसी प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अश्विनी चौधरी, हार पंचायत के प्रधान चत्तर सिंह, उपप्रधान विनोद कुमार, कांग्रेस नेता जगदीश ठाकुर, शिक्षण संस्थानों के अध्यापक, छात्र-छात्रएं व बच्चों के अभिभावकों सहित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

Thursday, February 1, 2024

अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्‍य बातें

 अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्‍य बातें


वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सबका साथसबका विकास और सबका विश्‍वास के मंत्र और सबका प्रयास’ के संपूर्ण राष्‍ट्र के दृष्टिकोण के साथ संसद में आज अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट की मुख्‍य बातें इस प्रकार हैं:

भाग – क

सामाजिक न्‍याय

  • चार प्रमुख वर्गों यानी गरीबमहिलाएं, युवा एवं अन्‍नदाता (किसान) को ऊपर उठाने पर प्रधानमंत्री का फोकस।

गरीब कल्‍याण, देश का कल्‍याण

  • पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार ने 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर आने में मदद की।
  • पीएम-जनधन खातों के उपयोग से बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपए का प्रत्‍यक्ष हस्‍तांतरण। इससे सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपए की बचत हुई।
  • पीएम-स्‍वनिधि के तहत 78 लाख फेरी वालों को ऋण सहायता। 2.3 लाख फेरी वालों को तीसरी बार ऋण प्राप्‍त हुआ।
  • पीएम-जनमन योजना के जरिए विशेष तौर पर कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) के विकास पर जोर।
  • पीएम-विश्‍वकर्मा योजना के तहत 18 व्‍यवसायों से जुड़े कारीगरों एवं शिल्‍पकारों को एंड-टू-एंड मदद।

अन्‍नदाता’ का कल्‍याण      

  • पीएम-किसान सम्‍मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को वित्‍तीय सहायता प्रदान की गई।
  • पीएम-फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ किसानों को फसल बीमा उपलब्‍ध कराई गई।
  • इलेक्‍ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्‍चर मार्किट (ई-नाम) के तहत 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया है। इससे 3 लाख करोड़ रुपए की खरीद-फरोख्‍त के साथ 1.8 करोड़ किसानों को सेवाएं उपलब्‍ध।

नारी शक्ति पर जोर

  • 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए।
  • उच्‍च शिक्षा में महिलाओं का नामांकन 28 प्रतिशत तक बढ़ा।
  • स्‍टेम पाठ्यक्रमों में छात्राओं एवं महिलाओं का 43 प्रतिशत नामांकन, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
  • पीएम-आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत मकान ग्रामीण महिलाओं को दिए गए।

पीएम आवास योजना (ग्रामीण)

  • कोविड संबंधी चुनौतियों के बावजूद पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत तीन करोड़ मकानों का लक्ष्‍य जल्‍द ही हासिल किया जाएगा।
  • अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्‍त मकानों का लक्ष्‍य लिया जाएगा।

 छत पर सौर प्रणाली लगाना (रूफटॉप सोलराइजेशन) और निशुल्‍क बिजली

  • छत पर सौर प्रणाली लगाने से 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्‍क बिजली प्राप्‍त कर सकेंगे। 
  • हरेक परिवार को सालाना 15,000 से 18,000 रुपए की बचत होने का अनुमान।

आयुष्‍मान भारत

  • आयुष्‍मान भारत योजना के तहत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओंआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा।

कृषि एवं खाद्य प्रसंस्‍करण

  • प्रधानमंत्री किसान सम्‍पदा योजना से 38 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और रोजगार के 10 लाख अवसरों का सृजन हुआ है।
  • प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य प्रसंस्‍करण उद्यम के औपचारिकीकरण योजना से 2.4 लाख स्‍व-सहायता समूहों (एसएचजी) और 60,000 लोगों को ऋण सुविधा प्राप्‍त करने में मदद मिली है।

आर्थिक उन्‍नति रोजगार और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार

  • 50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्‍थापित किया जाएगा। इस कोष से दीर्घकालिक वित्‍त पोषण या पुनर्वित्‍तपोषण कम या शून्‍य ब्‍याज दरों पर उपलब्‍ध कराए जाएंगे।
  • रक्षा उद्देश्‍यों के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकी को मजबूती देने और आत्‍मनिर्भरता में तेजी लाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।

बुनियादी ढांचा

  • बुनियादी ढांचा के विकास और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत व्‍यय के परिव्‍यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया जा रहा है। यह सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगी।

रेलवे

  • लॉजिस्टिक्‍स कुशलता को बेहतर करने और लागत घटाने के लिए पीएम गतिशक्ति के तहत तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रमों की पहचान की गई है।
  • ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा
  • पत्‍तन संपर्कता गलियारा
  • अधिक यातायात वाले गलियारा
  • 40,000 सामान्‍य रेल डिब्‍बों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप बदला जाएगा।

विमानन क्षेत्र

  • देश में हवाई अड्डों की संख्‍या 149 पर हुई दोगुनी।
  • 517 नए हवाई मार्ग 1.3 करोड़ यात्रियों को उनके गंतव्‍य तक पहुंचा रहे हैं।
  • देश की विमानन कंपनियों ने 1,000 से अधिक नए विमानों के‍ लिए ऑर्डर दिए।

हरित ऊर्जा

  • वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्‍थापित की जाएगी।
  • परिवहन के लिए कम्‍प्रस्‍ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और घरेलू प्रयोजनों के लिए पाइप्‍ड नेचुरल गैस (पीएनजी) में कम्‍प्रेस्‍ड बायोगैस (सीबीजी) के चरणबद्ध अधिदेशात्‍मक मिश्रण को अनिवार्य किया जाएगा।

पर्यटन क्षेत्र

  • राज्‍यों को प्रतिष्ठित पर्यटक केन्‍द्रों का संपूर्ण विकास शुरू करनेउनकी वैश्विक पैमाने पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा।
  • पर्यटन केन्‍द्रों को वहां उपलब्‍ध सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्‍ता के आधार पर रेटिंग देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा।
  • इस प्रकार की गतिविधियों का वित्‍त पोषण करने के लिए राज्‍यों को मैचिंग के आधार पर ब्‍याज मुक्‍त दीर्घावधि ऋण दिया जाएगा।

निवेश

  • वर्ष 2014 से 2023 के दौरान एफडीआई का अंतर्प्रवाह 596 अरब डॉलर रहाजो वर्ष 2005 से 2014 के दौरान हुए एफडीआई अंतर्प्रवाह के मुकाबले दोगुना है।

विकसित भारत‘ के लिए राज्‍यों में सुधार

  • राज्‍य सरकारों द्वारा विभिन्‍न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्‍याज मुक्‍त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपए के प्रावधान का प्रस्‍ताव।

संशोधित अनुमान (आरई) 2023-24

  • उधार को छोड़कर कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 27.56 लाख करोड़ रुपए है जिसमें से कर प्राप्ति 23.24 लाख करोड़ रुपए है।
  • कुल व्‍यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपए है।
  • 30.03 लाख करोड़ रुपए की राजस्‍व प्राप्ति बजट अनुमान से अधिक रहने की उम्‍मीद हैजो अर्थव्‍यवस्‍था में मजबूत विकास दर और इसके औपचारीकरण को दर्शाता है।
  • वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 5.8 प्रतिशत है।

बजट अनुमान 2024-25

  • उधारी से इतर कुल प्राप्तियां और कुल व्‍यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ रुपए और 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
  • राज्‍यों के पूंजीगत व्‍यय के लिए 50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण योजना कुल 1.3 लाख करोड़ रुपए के परिव्‍यय के साथ इस वर्ष भी जारी रखी जाएगी।
  • वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
  • वर्ष 2024-25 के दौरान डेटेड सिक्‍योरिटीज़ के जरिए सकल एवं शुद्ध बाजार उधारी क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपए और 11.75 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान।

भाग - ख

प्रत्‍यक्ष कर

  • वित्‍त मंत्री ने प्रत्‍यक्ष करों की मौजूदा दरों को बरकरार रखने का प्रस्‍ताव किया
  • पिछले 10 साल के दौरान प्रत्‍यक्ष कर संग्रह तिगुना,  रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्‍या 2.4 गुना बढ़ी  
  • सरकार करदाता सेवाओं में लाएगी सुधार
  • वित्‍त वर्ष 2009-10 तक की अवधि से जुड़ी 25 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्‍यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
  • वित्‍त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की 10 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्‍यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा
  • इससे एक करोड़ करदाताओं को होगा लाभ
  • सावरेन वेल्‍थ फंड अथवा पेंशन फंड द्वारा किए गए निवेश, स्‍टार्टअप के लिए कर लाभ 31.03.2025 तक बढाया गया
  • आईएफएससी इकाईयों की कुछ आय पर कर रियायत को एक साल बढ़ाकर 31.03.2024 से 31.03.2025 किया गया

अप्रत्‍यक्ष कर

  • वित्‍त मंत्री ने अप्रत्‍यक्ष करों और आयात शुल्‍कों की वर्तमान दरों को बकरार रखने का प्रस्‍ताव किया
  • जीएसटी ने देश में पूरी तरह बिखरी अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया
  • इस साल औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह दोगुना होकर 1.66 लाख करोड़ रुपये हुआ
  • जीएसटी कर आधार दोगुना हुआ
  • राज्‍यों का राज्‍य जीएसटी राजस्‍व वृद्धि अनुपात (राज्‍यों को दी गई क्षतिपूर्ति सहित) जीएसटी से पहले की अवधि (2012-13 से 2015-16) के 0.72 से बढ़कर जीएसटी लागू होने के बाद की अवधि (2017-18 से 2022-23) के दौरान 1.22 हो गया
  • उद्योग जगत के 94 प्रतिशत उद्यमियों के अनुसार जीएसटी व्‍यवस्‍था काफी कुछ सकारात्‍मक रही है    
  • जीएसटी से आपूर्ति श्रृंखला युक्तिसंगत बनी
  • जीएसटी से व्‍यापार और उद्योग पर अनुपालन बोझ कम हुआ 
  • लॉजिस्टिक लागत और करों में कमी से वस्‍तु और सेवाओं के मूल्‍य घटने से उपभोक्‍ताओं को लाभ पहुंचा  

पिछले वर्षों के दौरान कर व्‍यवस्‍था को तर्कसंगत बनाने के प्रयास 

  • वित्‍त वर्ष 2013-14 में जहां 2.2 लाख रुपये तक की आय कर मुक्‍त थी, वहीं अब सात लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देनदारी नहीं।
  • खुदरा व्‍यवसायों के अनुमानित कराधान के लिए कारोबार सीमा को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये किया गया
  • पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया
  • वर्तमान घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत की गई
  • विनिर्माण क्षेत्र की नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर कर दर 15 प्रतिशत रखी गई 

करदाता सेवाओं की उपलब्धियां

  • कर रिटर्न प्रोसेस करने की औसत समय-सीमा 2013-14 के 93 दिन से घटकर दस दिन रह गई
  • बेहतर दक्षता के लिए चेहरा रहित आकलन और अपील की शुरूआत की गई
  • रिटर्न दाखिल करने के काम को सरल बनाने के लिए नया 26 एएस फार्म और पहले से भरे गये टैक्‍स रिटर्न विवरण के साथ इनकम टैक्‍स रिटर्न को अद्यतन किया गया
  • सीमा शुल्‍क सुधारों से आयतित माल छोड़ने के समय में आई कमी
  • अंतर्देशीय कंटेनर डिपो में यह 47 प्रतिशत घटकर 71 घंटे रह गया
  • एयर कार्गो परिसरों में यह 28 प्रतिशत घटकर 44 घंटे रह गया
  • समु्द्री बंदरगाहों पर 27 प्रतिशत घटकर 85 घंटे रह गया

अर्थव्‍यवस्‍था - तब और अब

  • वर्ष 2014 में अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार और प्रशासन प्रणाली को पटरी पर लाने की जिम्‍मेदारी थी।  तब समय की जरूरत थी:
  • निवेश आकर्षित करना
  • बहुप्रतीक्षित सुधारों के लिए समर्थन जुटाना 
  • लोगों में उम्‍मीद जगाना
  • सरकार राष्‍ट्र प्रथम’ की मजबूत भावना के साथ सफल रही
  • ‘’अब यह देखने का उचित समय है कि 2014 तक हम कहां थे और अब कहां है’’ वित्‍त मंत्री

सरकार इस संबंध में सदन के पटल पर एक श्‍वेत-पत्र रखेगी