Friday, December 17, 2021

तीन मंत्री करते रहे चैनलों के समक्ष अपनी तथाकथित कार्यकुशलता का प्रदर्शन: सुदर्शन शर्मा

राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 17 दिसंबर 2021 

जयराम सरकार जहाँ अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ धर्मशाला में पांच दिवसीय शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान प्रवास पर थी वहीँ तमाम संगठनों को उम्मीद थी कि उनकी समस्याओं का समाधान इस सत्र के दौरान होगा। लेकिन एक बार फिर वही डाक के तीन पात वाली कहावत सिद्ध हुई। इस दौरान मंत्री लोग धर्मशाला के आसपास विश्राम गृह, महंगे होटलों के मेहमान बन कर शान से रहते रहे। लेकिन आम जन मानस को फिर मायूस होना पड़ा और उनके हाथ कुछ नहीं लग पाया। यह कहना है प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा का। 
उन्होंने कहा कि धर्मशाला में पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के दौरान करोड़ों रुपए का खर्च हुआ। लेकिन जनता को क्या मिला? विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा डंडों की मार। उन्होंने कहा कि जोरावर स्टेडियम में प्रदर्शनकारियों की निर्मम पिटाई की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई संगठन पांच दिन अपने हक की खातिर धर्मशाला में प्रदर्शन करते रहे लेकिन सिवाए आश्वासन के ने कुछ नहीं दिया। जिनमें मुख्यता फोरलेन मुआवजा समाधान के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले से 25 संगठन डटे रहे। ओपीएस की बहाली के लिए प्रयासरत प्रदर्शनकारी भी आश्वासन तक सीमित रहे। आउटसोर्स संगठन वाले भी सरकार के आश्वासन से आगे नहीं बड़ सके। स्वर्ण आयोग के गठन की घोषणा जरूर मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा परिसर से की गई, बाकि तमाम संगठनों को सरकार की ओर से निराशा ही हाथ लगी। 
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा ने इस पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र को राजनीतिक हनीमून सत्र की संज्ञा दी।
सुदर्शन शर्मा ने कहा कि विपक्ष को न सुनना अक्सर विधानसभा की दिनचर्या में देखा गया। कांग्रेस द्वारा कई ज्वलंत मुद्दे जनहित में उठाए गए जिनको सतापक्ष द्वारा अनसुना करना विधानसभा की कारगुजारी का हिस्सा बना रहा। सता पक्ष द्वारा वॉकआउट का माहौल बनाना और विपक्ष को वॉकआउट के लिए मजबूर करना भी सता पक्ष का एजेंडा बना रहा। जिस कारण कांग्रेस को कई बार सदन से वॉकआउट करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इतना जरूर देखने को मिला कि आकर्षण का केंद्र बनने के लिए विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में तीन मंत्री अपनी तथाकथित कार्यकुशलता का प्रदर्शन करने के लिए जरूर चैनलो के समक्ष उपस्थित होते रहे। 


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