Tuesday, November 30, 2021

🔴हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल के निर्णय: जानिए सभी बड़े और अहम फैसले



मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में हिमाचल प्रदेश सचिवालय में कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के स्थान पर लिपिक के 100 पद भरने तथा वर्ष 2022 और 2023 में संभावित रिक्तियों के दृष्टिगत लिपिक के 50 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।

जानकारी:1 से 16 दिसंबर तक लगेंगे विशेष कृत्रिम अंग फिटमेंट कैंप

(समाचारहिमाचल) 30 नवंबर 2021

हिमाचल प्रदेश में 1 से 16 दिसंबर तक विशेष कृत्रिम अंग फिटमेंट कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। अधिकारिता अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और विशेष रूप से सक्षम के अधिकारिता निदेशालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को सहायता और उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए विभाग द्वारा भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर के माध्यम से विशेष कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। यह शिविर 1 दिसंबर से 16 दिसंबर तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों शिमला, मंडी और कांगड़ा में आयोजित किए जाएंगे। शिविरों का आयोजन कृत्रिम अंगों की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि शिमला के आरटीओ कार्यालय के निकट होटल फ्रीहिल में 1 दिसम्बर, 2021 को प्रातः 9 बजे से 3 बजे तक किन्नौर और सिरमौर जिले के लोगों के लिए यह शिविर आयोजित किया जाएगा, जबकि 2 दिसंबर को जिला सोलन और कुल्लू (आनी, निरमंड तहसील) के लोगों के लिए और 3 दिसंबर, 2021 को जिला शिमला के लोगों के लिए इसी स्थान पर शिविर का आयोजन किया जाएगा। शेष कार्य एवं समापन 4 दिसम्बर, 2021 को प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जाएगा।
इसी प्रकार, जिला कांगड़ा के यात्री सदन में 7 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक जिला चम्बा एवं हमीरपुर के लाभार्थियों के लिए, जिला ऊना के लाभार्थियों के लिये 8 व 9 दिसम्बर को, जिला कांगड़ा के लाभार्थियों के लिये 9 दिसम्बर 2021 को यह शिविर आयोजित किया जाएगा। शेष कार्य एवं समापन 10 दिसम्बर 2021 को प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जायेगा।
यह शिविर जिला मण्डी के व्यास सदन में 13 दिसम्बर, 2021 को सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक जिला लाहौल स्पीति एवं कुल्लू (आनी एवं निरमंड तहसील को छोड़कर) के लाभार्थियों के लिए आयोजित किया जाएगा और 14 दिसम्बर को बिलासपुर के व्यक्तियों के लिये, 15 दिसम्बर को मण्डी के लाभार्थियों के लिए तथा 16 दिसम्बर को शेष कार्य एवं समापन प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जायेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि कृत्रिम अंग प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है और इच्छुक व्यक्ति संबंधित जिला कल्याण अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।


Monday, November 29, 2021

एचआरटीसी पीस मील वर्कर्स की मांगे ना माने जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक

राकेश शर्मा (समाचारहिमाचल) 29 नवंबर 2021
एचआरटीसी पीस मील वर्कर्स ने अपनी मांगे ना माने जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है। सोमवार को जसूर स्थित एचआरटीसी वर्कशॉप में पीस मील वर्कर्स ने भी टूल डाउन स्ट्राइक शुरू कर अपना विरोध दर्ज किया। वर्कर यूनियन के सदस्य राजिंदर पठानिया ने बताया कि इससे पहले सरकार ने उन्हें अनुबंध के दायरे में लाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज दिन तक उस पर कोई कारवाई नही की गई। 
उन्होंने बताया कि 26 अगस्त को परिवहन मंत्री ने पीस मील कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल को शिमला बुलाया था और उस समय आश्वासन दिया था कि दो सप्ताह में पीस मील कर्मचारियों की मांगे पूरी कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि उसके बाद फिर उन्हें परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर ने कहा कि दीवाली तक सभी पीस मील कर्मचारियों को अनुबंध में ले लिया जाएगा लेकिन यहां भी कर्मचारियों को धोखा ही मिला। 
राजिंदर पठानिया ने कहा कि 26 नवम्बर को हुई जेसीसी की बैठक में भी पीस मील कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांग में ली जाएगी। लेकिन यहां भी कर्मचारियों को ठगा गया। उन्होंने कहा कि इसी वजह से कर्मचारियों को आज मजबूरन टूल डाउन स्ट्राइक करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार एचआरटीसी पीस मील वर्कर्स को अनुबंध पर नही लाती है तब तक यह टूल डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी। 

हिमाचल सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच ने किया सरकार के प्रति रोष व्यक्त

राकेश शर्मा (समाचारहिमाचल) 29 नवंबर 2021
हिमाचल सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच द्वारा सोमवार को जसूर एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सरकार द्वारा उनकी मांगे ना माने जाने को लेकर सरकार के प्रति रोष व्यक्त किया गया। वहीँ इस मौके पर नई कार्यकारिणी का भी गठन किया गया।
इस बारे अधिक जानकारी देते हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल पठानिया ने बताया की परिवहन निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की हिमाचल सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। इसे लेकर हमीरपुर में प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 को इस सरकार के खिलाफ आंदोलन वर्ष के तौर पर मनाया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था की परिवहन निगम सेवानिवृत्त कर्मचारियों की स्थाई पेंशन का मुद्दा सुलझाएंगे, लेकिन 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सरकार ने उदासीन रवैया अपनाते हुए सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देय भत्ते नहीं दिए हैं, जिन्हें लेकर अब सेवानिवृत्त कर्मचारी आंदोलन करेंगे और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी मांगें मानने के लिए बाध्य किया जाएगा।
इस मौके पर जोगिंद्र सिंह, ईश्वर सिंह, शाम सिंह, निर्मल सिंह, हंस राज, तिलक राज, बिधि सिंह, केवल सिंह, दौलत राम, सुभाष सिंह, बूटा राम, विपिन शर्मा सहित अन्य सेवानीवर्त कर्मचारी मौजूद रहे।

राकेश पठानिया ने सुखार पंचायत को भेंट की लाखों की सौगात

राकेश शर्मा (समाचारहिमाचल) 29 नवंबर 2021





Sunday, November 28, 2021

नूरपुर के पास HRTC बस और टिप्पर के बीच भिड़ंत

राकेश शर्मा (समाचारहिमाचल) 28 नवंबर 2021 
पठानकोट मण्डी राष्ट्रीय राजमार्ग 154 स्थित पर नूरपुर और बौड़ के बीच हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस और एक टिप्पर के बीच आमने सामने भिड़ंत हो गई। 

भलून में व्यक्ति से 415 ग्राम चरस बरामद: मामला दर्ज

राकेश शर्मा (समाचारहिमाचल) 28 नवंबर 2021

स्टेट नारकोटिक्स सेल कांगड़ा की टीम द्वारा पुलिस थाना क्षेत्र नूरपुर के तहत भलून गॉंव में एक व्यक्ति से 415 ग्राम चरस बरामद करने में सफलता हासिल की है।

Saturday, November 27, 2021

अनुबंध कर्मचारियों की बल्ले बल्ले: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने की घोषणा

(समाचारहिमाचल) 27 नवंबर 2021  
अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष करने की घोषणा
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए राज्य के कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से नया वेतनमान प्रदान करने और जनवरी, 2022 का वेतन संशोधित वेतनमान के अनुसार फरवरी, 2022 में देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को भी 1 जनवरी, 2016 से संशोधित पेंशन और अन्य पेंशन लाभ दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि संशोधित वेतनमान और संशोधित पेंशन/पारिवारिक पेंशन पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि नए वेतनमान और संशोधित पेंशन से राज्य के कोष पर सालाना 6000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय वहन करना पड़ेगा।
जय राम ठाकुर ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के 5 मई, 2009 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार 15 मई, 2003 से नई पेंशन प्रणाली (इनवेलिड पेंशन और फैमिली पेंशन) के कार्यान्वयन की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के कोष पर करीब 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालिक कामगारों, जल रक्षकों और जलवाहकों आदि के संबंध में नियमितीकरण/दैनिक वेतनभोगी के रूप में रूपान्तरण के लिए भी एक-एक वर्ष की अवधि कम की जाएगी।
उन्होंने लंबित चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के भुगतान के लिए 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि करूणामूलक आधार पर नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी। यह समिति आगामी मंत्रिमण्डल बैठक में अपनी प्रस्तुति देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी एवं अनुबंध कर्मचारियों को जनजातीय भत्ता देने पर भी विचार करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों को अब पेंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता होगी, जिससे उनके निवेश पर बेहतर रिटर्न सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अब तक इन कर्मचारियों को सरकार द्वारा चुनी गई पेंशन निधि में ही निवेश अनिवार्य था। उन्होंने कहा कि सभी एनपीएस कर्मचारियों को डीसीआरजी लाभ प्रदान किया जा रहा है और अब सरकार ने 15 मई, 2003 से 22 सितम्बर, 2017 तक इस लाभ से वंचित एनपीएस कर्मचारियों को ग्रेच्युटी प्रदान करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में कर्मचारियों का उल्लेखनीय योगदान रहा हैं। कर्मचारियों की परिश्रम, समर्पण और प्रतिबद्धता के कारण ही हिमाचल आज देश के अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या और कर्मचारी अनुपात के मामले में भी हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और हिमाचल भी इसका अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने इस महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और राज्य इस संकट से सफलतापूर्वक बाहर निकलने में सफल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने कुल बजट का लगभग 43 प्रतिशत कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर व्यय कर रही है, जो कि छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के डीए में 22 प्रतिशत की वृद्धि की है और उन्हें 1320 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त उन्हें 12 प्रतिशत अंतरिम राहत की दो किस्तें भी प्रदान की गईं, जिससे कर्मचारियों को लगभग 740 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं कार्मिक प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्यों में हिमाचल प्रदेश केरल के बाद दूसरा राज्य है।
राज्य एनजीओ फेडरेशन के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित किया है और कर्मचारियों ने अविलम्ब अपने सभी देय लाभ प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी, प्रदेश सरकार ने कई अन्य राज्यों के विपरीत यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों को उनका वेतन और बकाया समय पर मिले।
राज्य एनजीओ फेडरेशन के महासचिव राजेश शर्मा ने कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एक साधारण परिवार से सम्बन्ध रखने वाले मुख्यमंत्री आम आदमी की कठिनाइयों से भलीभांति परिचित हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि कर्मचारी राज्य सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे।
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता, आर.डी. धीमान और जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, रजनीश और सुभाशीष पांडा, सचिव देवेश कुमार, अमिताभ अवस्थी, डाॅ. अजय शर्मा, अक्षय सूद सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

कांगड़ा राजस्व अधिकारी संघ पुर्नगठन प्रक्रिया सम्पन्न: सार्थक शर्मा बने संघ-अध्यक्ष

राकेश शर्मा (समाचारहिमाचल) 27 नवंबर 2021 
कांगड़ा राजस्व अधिकारी संघ के पुर्नगठन की प्रक्रिया को कांगड़ा में अमलीजामा पहनाया गया। जिसमें सार्थक शर्मा को सर्व सम्मति से संघ का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। इसी के साथ अंकित शर्मा को जिला समन्वयक तथा अमित को वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया। 
नव गठित समिति के सदस्यों की सूची में अध्यक्ष-सार्थक शर्मा (तहसीलदार पालमपुर), वरिष्ट सलाहकार-अमित (तहसीलदार रक्कड़), वरिष्ठ उपाध्यक्ष-अभिषेक (तहसीलदार जयसिंहपुर), सुमन (तहसीलदार खुंडिया), महासचिव-हरीश कुमार (तहसीलदार फतेहपुर), उपाध्यक्ष-दीनानाथ (तहसीलदार ज्वालामुखी), विजय (नायव तहसीलदार बैजनाथ), ज़िला समन्वयक-अंकित शर्मा (तहसीलदार जसवां), सहायक ज़िला समन्वयक-सुरिंदर (तहसीलदार शाहपुर), मीडिया सचिव-सुरभि नेगी (तहसीलदार नूरपुर), संयुक्त मीडिया सचिव-सुभाष (नायव तहसीलदार धीरा), वित्त सचिव-सुशील (नायव तहसीलदार फतेहपुर), संयुक्त सचिव-देस राज ठाकुर (नायव तहसीलदार नूरपुर), नीरज (नायव तहसीलदार आलमपुर) व किरण चौहान (नायव तहसीलदार पंचरुखी) को चुना गया।

आयकर विभाग की तलाशी और जब्ती की कार्रवाई: जानिए कहां

(समाचारहिमाचल) 27 नवंबर 2021 
आयकर विभाग ने लुधियाना के दो प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स के विरुद्ध तलाशी और जब्ती की कार्रवाई शुरू की। तलाशी कार्रवाई में लुधियाना के लगभग 40 परिसरों को शामिल किया गया। दोनों समूहों के विरुद्ध इन तलाशी और जब्ती की कार्रवाई से समूहों द्वारा पैसे के रूप में संपत्ति के लेन-देन से संबंधित बेहिसाब नकदी का पता चला है। 
तलाशी की कार्यवाही के दौरान कुछ संपत्तियों के लिए 'बिक्री समझौते', (जिसे 'बियाना' के रूप में जाना जाता है) की प्रकृति के दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं और जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि भूखंडों के लिए 'बिक्री समझौते' को भूखंड के पंजीकृत बिक्री विलेख में बताए गए प्रतिफल की तुलना में बहुत अधिक राशि/दर पर निष्पादित किया गया है। 
इसके अलावा, कुछ संपत्ति के लेनदेन, सॉफ्ट डेटा, संबंधित व्यक्तियों के मोबाइल फोन से चैट आदि की ऑन-मनी की गणना दिखाने वाली खुली शीट, एक्सेल शीट जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इन साक्ष्यों का प्रारंभिक विश्लेषण स्पष्ट रूप से संपत्ति के लेनदेन पर ऑन-मनी के माध्यम से बेहिसाब नकदी की प्राप्ति को इंगित करता है। इसके अलावा, ऑन-मनी की प्राप्ति की पुष्टि करने वाले कुछ अन्य ठोस साक्ष्य भी एकत्र किए गए हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि एक प्रमुख व्यक्ति के आवासीय मकान के निर्माण पर बेहिसाब नकद खर्च किया गया है। एक समूह में, भूमि के विक्रेताओं को किए गए भुगतान आदि के संबंध में स्रोत पर कर कटौती के प्रावधानों के अनुपालन में चूक का पता चला है।
तलाशी अभियान में विदेशी मुद्रा के अलावा लगभग 2.00 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और लगभग 2.30 करोड़ रुपए के अस्पष्टीकृत आभूषण की बरामदगी हुई है। आगे की जांच जारी है।

Friday, November 26, 2021

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता पर अपडेट (27 नवंबर 2021)

(समाचारहिमाचल) 27 नवंबर 2021 

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता पर अपडेट

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 134 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्ध कराई गईं

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास वैक्सीन की 22.16 करोड़ से अधिक अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल की हुई खुराकें मौजूद


केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और टीके लगाने की गति को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण 16 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। कोविड-19 के टीकों की सर्व-उपलब्धता का नया दौर 21 जून, 2021 से शुरू किया गया है। टीकाकरण अभियान को अधिक से अधिक वैक्सीन की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की गई, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके।

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड वैक्सीन प्रदान करके उन्हें समर्थन दे रही है। टीकों की सर्व-उपलब्धता के नए चरण में, केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर उन्हें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क प्रदान करेगी।

वैक्सीन की खुराक

(27 नवंबर, 2021 तक) 

अब तक हुई आपूर्ति

1,34,87,29,470

अतिरिक्त खुराकें उपलब्ध

22,16,64,431

 

केंद्र सरकार द्वारा सभी प्रकार के स्रोतों से अब तक वैक्सीन की करीब 134 करोड़ से अधिक (1,34,87,29,470) खुराकें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सरकारी स्रोत (नि:शुल्क) और राज्यों द्वारा सीधी खरीद प्रक्रिया के जरिये प्रदान की गई हैं।
राज्यों के पास वैक्सीन की 22.16 करोड़ से अधिक (22,16,64,431) अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल की हुई खुराकें मौजूद हैं, जिन्हें लगाया जाना है।