प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोगों अकेले नूरपुर क्षेत्र के ही आवेदन कर्ताओं को 50 साल मकान का इंतजार करना पड़ेगा। नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से करीब 5870 लोगों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जियो टैगिंग के तहत दर्ज किए गए थे, लेकिन अब तक लगभग 112 मकान ही स्वीकृत हुए हैं जो कि प्रति पंचायत लघभग अढ़ाई मकान अब तक स्वीकृत हुए हैं। इस हिसाब से पूरी नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के पात्र लोगों को उक्त योजना के तहत अपने के लिए 50 साल का इंतज़ार करना पड़ सकता है। यह कहना है जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन का।
उन्होंने कहा कि नूरपुर क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र लोगों के लिए की गई जियो टैगिंग मजाक का विषय बन कर रह गई है। प्रति पंचायत सैकड़ों कच्चे मकान वाले पात्र लोगों ने आवेदन किए थे। लेकिन हालात यह 2019 में लोकसभा चुनावों से पहले की गई जिओ टैगिंग के बाद से अब तक औसतन अढ़ाई मकान प्रति पंचायत पंजीकृत हुए हैं जो कि गरीब लोगों के साथ भद्दा मजाक है और भाजपा के और और बड़ा जुमला साबित हुई है।
महाजन ने वन मंत्री राकेश पठानिया की कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कि गत वर्ष वन मंत्री पठानिया ने नूरपुर में सार्वजनिक मंच से कहा था कि वह नूरपुर क्षेत्र के लिए 5000 मकान लेकर आए हैं तो वह मकान लोगों को अभी तक आवंटित क्यों नहीं हुए? महाजन ने कहा कि अब इस प्रक्रिया में अपने आप को सच्चा साबित करने के लिए सबसे ज्यादा पंचायत प्रधानों को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, यदि सरकार के आदेश पर पात्र लोगों के आवेदन जियो टैगिंग के माध्यम से लिए गए तो नाममात्र स्वीकृति के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के सर पर दोष मढ़ने का प्रयास करना सरासर गलत है।
महाजन ने मांग की है कि सरकार उक्त योजना के तहत जारी हुई बजट राशि के लिए श्वेत पत्र जारी करें ताकि असलियत जनता के सामने आ सके। इस अवसर पर राजीव रज्जू, शाम लाल, देशराज, अमित, सुमेश, बकील सिंह सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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